“सत्तापक्ष की प्राथमिकता देश की आर्थिक स्थिरता या प्रशासनिक पारदर्शिता के बजाय चुनावी लाभ - वंदेमातरम बहस।“
“सत्तापक्ष की प्राथमिकता देश की आर्थिक स्थिरता या प्रशासनिक पारदर्शिता के बजाय चुनावी लाभ - वंदेमातरम बहस।“ सच में सरकार ने ये देश को भटकाने वाला आगामी समयों में पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव का निशाना बनाते हुए ये बहस की है । यदि सरकार को सच में देश की चिंता होती तो डाॅलर के मुक़ाबले गिरते रुपए और इंडिगो मामला पर चर्चा करती न कि इतिहास को कुरेदते हुए मुस्लिम पर निशाना साधते हुए विपक्ष को जनता-जनार्दन के सामने बदनाम करती। देश में “वंदे मातरम” के गायन की अनिवार्यता और प्रासंगिकता पर चल रही राजनीतिक बहस को लेकर [भारत की राजनीतिक धूरी की भूमिका निभाने वाला उत्तरप्रदेश] के सांसद नगिणा प्रसाद ने एक तीखा हमला किया है। उन्होंने इस चर्चा को ‘बेकार’ करार दिया है और कहा है कि यह सत्तापक्ष का राजनीतिक एजेंडा है, जिसका उद्देश्य सिर्फ देश के जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाना है। सत्तापक्ष पर सीधा आरोप: सिर्फ मुसलमानों को टार्गेट करना सांसद नगिणा प्रसाद ने अपने बयान में सत्तापक्ष के इरादों पर सीधे सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “जब मैंने सत्तापक्ष के प्रमुख वक्ताओं क...