इंडिगो एयरलाइंस (IndiGo Airlines) को लेकर भारत में बड़े पैमाने पर विवाद सरकार सख्त ।।


इंडिगो एयरलाइंस (IndiGo Airlines) को लेकर भारत में बड़े पैमाने पर विवाद- सरकार सख्त ।।

इंडिगो एयरलाइंस (IndiGo Airlines) को लेकर भारत में यात्रियों के साथ बड़े पैमाने पर विवाद हुआ है। यह मुख्य रूप से दिसंबर 2025 की शुरुआत (2-7 दिसंबर) में हुई भारी उड़ान रद्द होने और विलंब (Delay) के कारण था।

🚨 मुख्य मसला और विवाद के बिंदु

​बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द और विलंबित:

​छह दिनों की अवधि में 2000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं और 4000 से अधिक उड़ानें घंटों की देरी से चलीं।

​इससे देश भर में 7 लाख से अधिक यात्री हवाई अड्डों पर फंसे रहे।

​यात्रियों को हुई परेशानी:

​यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा, और कईयों ने बताया कि उन्हें भोजन, पानी, मेडिकल सहायता या आवास जैसी बुनियादी सहायता भी नहीं मिली।

​कई यात्रियों ने अस्पष्ट संचार (Lack of Clear Communication) और एयरलाइन कर्मचारियों की ओर से असहयोग की शिकायत की।

​कुछ यात्रियों के सामान (Luggage) गुम होने की भी खबरें आईं।

​रिफंड और मुआवजे में समस्या:

​यात्रियों को रिफंड (Refund) और वैकल्पिक यात्रा के विकल्प मिलने में सबसे बड़ी परेशानी आई।

​एयरलाइन द्वारा “स्वचालित पूर्ण रिफंड” के आश्वासन के बावजूद, कई यात्रियों ने रिफंड में कटौती और विलंब की शिकायत की।

​किराए में बेतहाशा वृद्धि:

​उड़ानों के रद्द होने के कारण, कई रूटों पर हवाई जहाज़ के किराए बहुत अधिक बढ़ गए, जिससे यात्रियों पर दोहरी मार पड़ी।

​सरकार का दखल और कार्रवाई:

​मामले की गंभीरता को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) और DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने सख्त दखल दिया।

DGCA ने इंडिगो के CEO को कारण बताओ नोटिस जारी किया और 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा।

​सरकार ने स्थिति की समीक्षा के लिए जांच समिति का गठन किया और इंडिगो को यात्रियों का रिफंड जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया।

​ऑपरेशनल विफलता:

DGCA के अनुसार, यह संकट मुख्य रूप से पायलटों के लिए नए फ्लाइट-ड्यूटी और रेस्ट-पीरियड (FDRP) नियमों के कारण हुई क्रू की कमी (Crew Shortage) और एयरलाइन की खराब रोस्टर योजना की वजह से हुआ।

​इस पूरे घटनाक्रम ने यात्री अधिकारों और उपभोक्ता संरक्षण कानूनों पर बहस छेड़ दी है, और कई यात्री अब एयरलाइन के खिलाफ ‘क्लास एक्शन’ (सामूहिक कानूनी कार्रवाई) की मांग कर रहे हैं।

​क्या आप इंडिगो की ओर से दिए गए रिफंड की स्थिति के बारे में कोई ताज़ा जानकारी जानना चाहेंगे?

इंडिगो विवाद पर रिफंड और मुआवजे की स्थिति फिलहाल इस प्रकार है:

💰 रिफंड और मुआवजे की मौजूदा स्थिति (दिसंबर 2025)

​इंडिगो एयरलाइंस ने नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सख्त निर्देश के बाद, फंसे हुए यात्रियों के लिए रिफंड प्रक्रिया को तेज करने का दावा किया है।

1. ​रिफंड की घोषणा (Refund Status)

​दावा: इंडिगो ने दावा किया है कि रद्द हुई 90% से अधिक उड़ानों के लिए रिफंड प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा है कि अधिकतर रिफंड 7 से 10 कार्य दिवसों के भीतर यात्रियों के मूल भुगतान स्रोत (Original Source) में जमा हो जाएंगे।

​यात्रियों की शिकायत: कई यात्रियों ने सोशल मीडिया और उपभोक्ता मंचों पर शिकायत की है कि उन्हें “पूर्ण रिफंड” नहीं मिला है। कुछ मामलों में, रिफंड में ‘कन्वीनिएंस फीस’ या ‘एयरपोर्ट टैक्स’ जैसी मामूली कटौती की गई है, जिस पर विवाद बना हुआ है।

​यात्रियों को निर्देश: इंडिगो ने यात्रियों को सलाह दी है कि यदि उन्हें 14 दिनों के भीतर रिफंड प्राप्त नहीं होता है, तो वे एयरलाइन के समर्पित शिकायत पोर्टल (Dedicated Grievance Portal) पर शिकायत दर्ज करें।

2. ​वैकल्पिक उड़ान और रिशेड्यूलिंग (Alternate Travel)

​जिन यात्रियों की उड़ानें रद्द हुईं, उन्हें बिना अतिरिक्त शुल्क के वैकल्पिक उड़ानें बुक करने या यात्रा को बाद की तारीख के लिए रिशेड्यूल करने का विकल्प दिया गया था।

DGCA की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20-25% यात्रियों ने रिशेड्यूलिंग का विकल्प चुना, जबकि बाकी ने रिफंड का विकल्प चुना।

3. DGCA के निर्देश और मुआवजा

DGCA ने इंडिगो को CAR (Civil Aviation Requirements) के नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। इन नियमों के अनुसार:

​रद्द होने पर: एयरलाइन को यात्री को पूर्ण रिफंड देना होगा या बिना अतिरिक्त लागत के वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था करनी होगी।

​विलंब होने पर: यदि उड़ानें लंबी देर से चलती हैं (जैसे 6 घंटे से अधिक), तो यात्रियों को नाश्ता/भोजन और आवास (रात भर के विलंब की स्थिति में) प्रदान करना अनिवार्य है।

DGCA यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित ऑडिट कर रहा है कि इंडिगो मुआवजे के नियमों का पालन कर रही है। एयरलाइन पर नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लग सकता है।

4. ​भविष्य की कार्रवाई

​सरकार ने इंडिगो से भविष्य की रोस्टर योजना (Future Roster Planning) और पायलट उपलब्धता प्रबंधन (Pilot Availability Management) में सुधार के लिए विस्तृत योजना जमा करने को कहा है, ताकि ऐसी परिचालन विफलता दोबारा न हो।

​सारांश: इंडिगो ने रिफंड प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन पूर्ण रिफंड न मिलने और विलंब को लेकर यात्रियों में अभी भी असंतोष है। नियामक संस्थाएं (DGCA) मामले पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।


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