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वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद में बहस हुई है। खुब लगे आरोप-प्रत्यारोप ।।

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वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद में बहस हुई है। खुब लगे आरोप-प्रत्यारोप ।। ​यह बहस शीतकालीन सत्र के दौरान आयोजित की गई।  लोकसभा में चर्चा की शुरुआत 8 दिसंबर 2025 को हुई।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चर्चा की शुरुआत की और यह बहस लगभग 10 घंटे तक चली।  बहस के दौरान वंदे मातरम् के ऐतिहासिक महत्व, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका और 1937 में कांग्रेस द्वारा इसके कुछ छंदों को हटाने के विवाद जैसे विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। ​राज्यसभा में भी 9 दिसंबर 2025 (वर्तमान समय के अनुसार आज) को इस पर चर्चा होने की संभावना है, जिसकी शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की जाएगी। ​ वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ ​ मूल रचना: यह गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचा गया था। ​पहला प्रकाशन: इसे पहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में प्रकाशित किया गया था। ​ उपन्यास: 1882 में यह बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास ‘आनंदमठ’ का हिस्सा बना। ​राष्ट्रीय गीत: 1950 में संविधान सभा ने इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया। ​ चर्चा का मुख्य विषय: ​प्रधानमंत...

PM मोदी का बड़ा आरोप, 'गांव के गांव वक्फ के नाम किए जा रहे थे, हमने उसे खत्म किया'"

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📰 "बिहार में वक्फ जमीन पर अवैध कब्जे: PM मोदी का बड़ा आरोप , ' गांव के गांव वक्फ के नाम किए जा रहे थे , हमने उसे खत्म किया '"   सूरत/नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए वक्फ (संशोधन) अधिनियम और राज्य में कथित भूमि कब्ज़े को एक बड़ा मुद्दा बनाया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिहार में सार्वजनिक और निजी जमीनों पर अवैध कब्जा करके उन्हें वक्फ की संपत्ति घोषित किया जा रहा था।   पीएम मोदी के मुख्य आरोप सूरत में बिहार के लोगों की एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने वक्फ कानून को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। उनके प्रमुख बयान और आरोप इस प्रकार रहे:   जमीनों पर अवैध कब्जा: पीएम मोदी ने कहा , " बिहार में खुलेआम जमीनों को दखल करके , घरों पर कब्जा करके उन्हें वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया जाता था।"   ' गांव के गांव वक्फ के नाम ': उन्होंने इस कार्रवाई की भयावहता बताते हुए कहा , " तमिलनाडु में भी ऐसा हुआ , और बिहार में तो गांव के गांव ज...

मदन शाह ने संजय यादव पर लगाए गंभीर आरोप, पार्टी से निकालने की मांग

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📰 "टिकट कटने पर आरजेडी में भूचाल: मदन शाह ने संजय यादव पर लगाए गंभीर आरोप , पार्टी से निकालने की मांग"   पटना/मोतिहारी: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता और मधुबन विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी रहे मदन शाह ने इस बार टिकट नहीं मिलने के बाद पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। टिकट वितरण से नाराज़ शाह ने न केवल पटना में पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आवास के बाहर हाई-वोल्टेज ड्रामा किया , बल्कि उन्होंने पार्टी के एक प्रमुख रणनीतिकार संजय यादव पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें पार्टी से हटाने की मांग की है।   विरोध का नाटकीय प्रदर्शन सूत्रों के अनुसार , मधुबन सीट से दोबारा टिकट की उम्मीद कर रहे मदन शाह को जब टिकट नहीं दिया गया , तो उन्होंने राबड़ी देवी-लालू यादव के आवास के बाहर सड़क पर लेटकर , कुर्ता फाड़कर और रोते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिलने के दर्द ने उन्हें पागल बना दिया था।   "25 सीटों पर सिमटने" का श्राप और संजय यादव पर आरोप मदन शाह ने आरोप लगाया कि पार्टी के अंदर कुछ लोग ' चा...

अखिलेश यादव की रैलियों में उमड़ा जनसैलाब, महागठबंधन के पक्ष में दिखा ज़बरदस्त जोश।।

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अखिलेश यादव की रैलियों में उमड़ा जनसैलाब , महागठबंधन के पक्ष में दिखा ज़बरदस्त जोश।।   पटना/लखनऊ: उत्तर प्रदेश से आई ‘युवा शक्ति’ की गूँज।। भले हीं! समाजवादी पार्टी सीधे तौर पर बिहार चुनाव नहीं लड़ रही है , लेकिन अखिलेश यादव का प्रचार महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए एक नई ऊर्जा का संचार कर रखा है और चुनावी माहौल को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभाओं में भारी भीड़ उमड़ी है , जो बिहार की चुनावी हवा को एक नई दिशा दे दी है। महागठबंधन ( Grand Alliance ) के प्रमुख प्रचारक के तौर पर , अखिलेश यादव की रैलियों की मांग इस चुनाव में लगातार बढ़ती रही है , जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि बिहार की जनता उन्हें और उनके विचारों को खूब पसंद कीं हैं। भीड़ ने बढ़ाई महागठबंधन की उम्मीदें सपा प्रमुख अब तक 20 से अधिक ज़िलों में चुनावी सभाएं कर चुके हैं , जहाँ हर रैली में लोगों का हुजूम देखने को मिला है। चाहे नवादा हो , रोहतास का नोखा या फिर दरभंगा , अखिलेश यादव के...