"सांता क्लॉज़ के लाल कपड़ों की कहानी बहुत ही दिलचस्प है!- मैरी क्रिसमस 2025।"
"सांता क्लॉज़ के लाल कपड़ों की कहानी बहुत ही दिलचस्प है!- मैरी क्रिसमस 2025।"
क्रिसमस 2025: सांता क्लॉज़ के लाल कपड़ों की कहानी बहुत ही दिलचस्प है! इसमें इतिहास, परंपरा और मार्केटिंग का एक अनोखा मेल है।
इसे समझने के लिए हमें सांता के सफर को तीन चरणों में देखना होगा:
1. शुरुआती दौर: संत निकोलस (Saint Nicholas)
चौथी शताब्दी में, असली 'संत निकोलस' जिनके आधार पर सांता का चरित्र बना, वे चर्च के एक बिशप थे। उस समय बिशप अक्सर लाल और सफेद रंग के धार्मिक चोगे (Robes) पहनते थे। यहीं से सांता के कपड़ों में लाल रंग का पहला संकेत मिलता है।
2. 1800 का दशक: अलग-अलग रंग
19वीं सदी तक सांता का कोई एक तय रूप नहीं था। कलाकार उन्हें अपनी कल्पना के अनुसार चित्रित करते थे:
कभी वह हरे रंग के लंबे कोट में दिखते थे (जो प्रकृति और वसंत का प्रतीक था)।
कभी वह नीले, भूरे या सफेद कपड़ों में दिखाए जाते थे।
कई बार उन्हें एक दुबले-पतले 'बौने' (Elf) की तरह दिखाया जाता था।
3. थॉमस नास्ट और कोका-कोला (मोड़ यहाँ आया)
सांता को आज वाला "लाल और सफेद" रूप देने में दो प्रमुख लोगों/कंपनियों का हाथ रहा:
थॉमस नास्ट (Thomas Nast): 1860 के दशक में मशहूर कार्टूनिस्ट थॉमस नास्ट ने 'हार्पर्स वीकली' के लिए सांता के चित्र बनाए। उन्होंने पहली बार सांता को एक पेटू, हंसमुख और लाल कपड़ों वाले व्यक्ति के रूप में पेश किया।
कोका-कोला (The Coca-Cola Company): सबसे बड़ा बदलाव 1931 में आया। कोका-कोला ने सर्दियों में अपनी सेल बढ़ाने के लिए कलाकार 'हैडन संडब्लम' से सांता का एक विज्ञापन बनवाया। उन्होंने सांता को कोका-कोला के ब्रांड कलर्स—लाल और सफेद—में पेंट किया।
रोचक तथ्य: लोग अक्सर सोचते हैं कि कोका-कोला ने सांता को 'बनाया', लेकिन सच यह है कि उन्होंने सांता के पहले से चले आ रहे "लाल रूप" को इतना लोकप्रिय बना दिया कि पूरी दुनिया ने इसे ही असली मान लिया।
सांता का बेल्ट और बूट्स:
सांता की काली बेल्ट और भारी काले जूते इसलिए दिखाए जाते हैं क्योंकि वह उत्तरी ध्रुव (North Pole) की कड़कड़ाती ठंड में रहते हैं और उन्हें लंबी यात्रा करनी होती है।
