बिजनेसमैन के अपहरण की साजिश हुआ नाकाम सारण पुलिस कि बङी कामयाबी। ।
बिजनेसमैन के अपहरण की साजिश हुआ नाकाम सारण पुलिस कि बङी कामयाबी। ।
#CrimeNews सारण (छपरा): पुलिस द्वारा बिजनेसमैन के अपहरण की साजिश को नाकाम करने का यह मामला बेहद सनसनीखेज और फिल्मी रहा है। पुलिस की 'स्पेशल सेल' और डीआईयू (DIU) की टीम ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
इस पूरे मामले का विस्तृत विवरण कुछ इस प्रकार है:
1. कैसे मिली सूचना?
सारण एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि अपराधियों का एक अंतरराज्यीय गिरोह छपरा के एक बड़े स्वर्ण व्यवसायी (या अनाज व्यापारी) को निशाना बनाने की फिराक में है। अपराधी व्यवसायी के घर से दुकान तक जाने वाले रास्ते की रेकी (Recce) कर चुके थे।
2. पुलिस का जाल (Trap)
पुलिस ने इस बार अपराध होने का इंतज़ार नहीं किया। पुलिस ने 'सिविल ड्रेस' (सादे कपड़ों) में व्यापारियों के इलाकों और संदिग्ध ठिकानों पर अपनी तैनाती कर दी थी। जैसे ही अपराधी अपनी योजना को अंतिम रूप देने के लिए एक जगह इकट्ठा हुए, पुलिस ने घेराबंदी कर दी।
3. अपराधियों की गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने घेराबंदी कर तीन से चार मुख्य अपराधियों को धर दबोचा। इनके पास से पुलिस को निम्नलिखित चीजें बरामद हुई हैं:
अवैध हथियार: लोडेड देसी कट्टा और जिंदा कारतूस।
लूट की योजना: अपराधियों के पास से व्यवसायी की दिनचर्या और उसके घर-दुकान का पूरा रूट मैप मिला।
चोरी की बाइक: वारदात में इस्तेमाल होने वाली बिना नंबर की मोटरसाइकिल।
4. मास्टरमाइंड का खुलासा
प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह का संबंध बिहार के अन्य जिलों से भी है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि कहीं किसी स्थानीय व्यक्ति ने तो अपराधियों को बिजनेसमैन की जानकारी (Line-up) नहीं दी थी।
इस सफलता का महत्व:
व्यापारियों में विश्वास: सारण में पिछले कुछ समय से व्यापारियों में डर का माहौल था, जिसे इस कार्रवाई ने कम किया है।
अपराध मुक्त सारण का संकल्प: एसपी डॉ. कुमार आशीष के नेतृत्व में पुलिस अब 'प्रिवेंटिव एक्शन' (अपराध से पहले कार्रवाई) पर ज्यादा जोर दे रही है।
सारण पुलिस की इस तत्परता के लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है, क्योंकि एक छोटी सी चूक व्यवसायी की जान और संपत्ति को खतरे में डाल सकती थी।
