इंडिगो में डिजास्टर के दो कारण थे। जिसने इंडिगो में भारी समस्या पैदा करने का कारण बना।।
इंडिगो में डिजास्टर के दो कारण थे। जिसने इंडिगो में भारी समस्या पैदा करने का कारण बना।।
नई दिल्लीः यह पूरी अव्यवस्था और अब परिचालन को सामान्य करने की ज़रूरत पायलटों से संबंधित दो मुख्य कारणों से जुड़ी थी।।
1. पायलटों की ट्रेनिंग और आराम के समय (FDTL) में बदलाव
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (FDTL) नियमों में बदलाव किए थे। ये नियम तय करते हैं कि एक पायलट एक दिन में अधिकतम कितनी देर तक उड़ान भर सकता है और उसे कितना आराम मिलना चाहिए।
बदलाव का असर: जब ये नए नियम लागू हुए, तो इंडिगो के कई पायलट, जो पहले पुराने नियमों के तहत फिट थे, अब नए और सख्त नियमों के तहत अचानक काम के लिए अयोग्य हो गए। इससे एयरलाइन के पास अचानक से पायलटों की भारी कमी हो गई।
2. ट्रेनिंग स्लॉट की कमी और विमानों की संख्या में वृद्धि
विमानों की संख्या बढ़ी: इंडिगो अपने बेड़े (Fleet) में लगातार नए विमान जोड़ रही है। अधिक विमानों का मतलब है कि उन्हें चलाने के लिए अधिक पायलटों की आवश्यकता है।
ट्रेनिंग में देरी: नए पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए ट्रेनिंग स्लॉट (सिमुलेटर पर ट्रेनिंग) की कमी थी, जिससे नए पायलटों को शामिल करने की गति धीमी पड़ गई।
जब इन दोनों समस्याओं का संयोजन हुआ, तो इंडिगो को बड़े पैमाने पर अपनी उड़ानें रद्द या विलंबित करनी पड़ीं, जिसके बाद सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्हें अपनी उड़ान क्षमता (Capacity) कम करने का आदेश दिया गया, ताकि वे अपने मौजूदा क्रू के साथ परिचालन को स्थिर कर सकें।
