मतगणना केंद्र पर CCTV बंद होने का आरोप: आरजेडी ने उठाए सवाल, चुनाव आयोग पर विश्वसनीयता से खिलवाड़ का इल्जाम।।
🚨 मतगणना केंद्र पर CCTV
बंद
होने का आरोप: आरजेडी ने उठाए सवाल, चुनाव आयोग पर विश्वसनीयता से खिलवाड़ का
इल्जाम।।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान खत्म होने
और मतगणना की तैयारी के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मतगणना केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक
वोटिंग मशीनों (EVMs) की निगरानी के लिए लगाए गए
सीसीटीवी कैमरों के बंद होने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने इस घटना को
“वोट चोरी” की आशंका बताते हुए चुनाव आयोग की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल
खड़े किए हैं।
📹 नालंदा और सासाराम में सीसीटीवी
बंद होने का दावा
आरजेडी ने खास तौर पर नालंदा और सासाराम जिले में
मतगणना केंद्र (वज्र गृह) पर लगे कैमरों के बंद होने की शिकायत की है।
नालंदा का मामला: आरजेडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि नालंदा जिले में ईवीएम पर लगे
सीसीटीवी कैमरे लगभग 30 मिनट तक बंद रहे, जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने भारी
हंगामा किया और फिर कैमरे चालू हुए।
आरजेडी का आरोप: पार्टी ने कहा कि हर बार जब कैमरे
बंद होते हैं, तो उस इलाके में अवैध वाहनों की आवाजाही पहले से शुरू हो जाती है।
पार्टी ने इस दौरान ईवीएम में किसी भी प्रकार की हेराफेरी या छेड़छाड़ की आशंका
जताई है।
सासाराम में हंगामा: हाल ही में, आरजेडी ने सासाराम
(रोहतास) जिले के वज्र गृह परिसर में जिला प्रशासन द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना
के कथित तौर पर ईवीएम लदे एक ट्रक को अंदर ले जाने का आरोप लगाया। आरजेडी ने दावा
किया कि इस दौरान भी दोपहर 2 बजे से सीसीटीवी फीड बंद कर दी गई थी, जिससे “वोट
चोरी” की आशंका पुख्ता होती है। इस घटना के विरोध में आरजेडी प्रत्याशी धरने पर भी
बैठ गए थे।
📢 चुनाव आयोग पर विश्वसनीयता से
खिलवाड़ का इल्जाम
आरजेडी ने इन घटनाओं को लेकर सीधे-सीधे निर्वाचन
आयोग को टैग करते हुए कड़ी आलोचना की है।
पार्टी का रुख: आरजेडी ने कहा कि हर बार कैमरे बंद
होने पर लचर बहाने बनाए जाते हैं और आयोग अपनी विश्वसनीयता से खिलवाड़ कर रहा है।
संदेह का माहौल: पार्टी नेताओं का कहना है कि मतगणना
केंद्रों पर ईवीएम की सुरक्षा सर्वोपरि होती है, और ऐसे संवेदनशील समय में कैमरों
का बंद होना चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर संदेह पैदा करता है। आरजेडी ने चुनाव आयोग
से तत्काल पूर्ण फुटेज जारी करने और मामले को स्पष्ट करने की मांग की है, अन्यथा
बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।
🏛️ चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने कुछ मामलों में
संज्ञान लिया है।
तार हिलने का हवाला: एक केंद्र पर सीसीटीवी फुटेज
में निगरानी में बाधा आने के मामले पर चुनाव आयोग ने जांच के दौरान यह पाया कि
डिस्प्ले का तार हिलने से मेन कंट्रोल रूम में निगरानी में बाधा हुई थी, जिसे बाद
में ठीक कर लिया गया।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने का दावा: आयोग ने यह भी
कहा है कि सभी सीसीटीवी फुटेज संबंधित उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों को दिखा दिए गए
हैं। साथ ही, अब सभी केंद्रों पर एक ग्रिड के अतिरिक्त एक बैकअप ग्रिड भी बनाया
गया है ताकि निगरानी में किसी तरह की चूक न हो।
⚠️ निष्कर्ष
आरजेडी द्वारा लगाए गए ये गंभीर आरोप बिहार चुनाव की
मतगणना से पहले ही राजनीतिक माहौल को गर्म कर रहे हैं। विपक्ष लगातार चुनाव
प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है, जबकि चुनाव आयोग सुरक्षा और
निष्पक्षता बनाए रखने का दावा कर रहा है। अब सबकी निगाहें 14 नवंबर को होने वाली
मतगणना और उससे पहले चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
