कोडिन कफ सिरप को लेकर प्रदेश में गहमा-गहमी। सत्तापक्ष और विपक्ष आक्रामक। ।
👉कोडिन कफ सिरप को लेकर प्रदेश में गहमा-गहमी। सत्तापक्ष और विपक्ष आक्रामक। ।
मुख्यमंत्री इसे कानून-व्यवस्था और नशे के खिलाफ एक बड़ी जीत बता रहे हैं, वहीं विपक्ष (खासकर समाजवादी पार्टी) ने एफआईआर में देरी और मौतों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
विधानसभा के मौजूदा सत्र (दिसंबर 2025) में इस मुद्दे पर जो आरोप-प्रत्यारोप हुए हैं, उनका सारांश यहाँ दिया गया है:
विपक्ष (समाजवादी पार्टी) के मुख्य आरोप
👉विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय और अखिलेश यादव ने सदन में सरकार को घेरते हुए ये बातें कहीं:
मौतों का दावा: विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश में कोडीन सिरप और नशीली दवाओं के कारण कई बच्चों और युवाओं की जान गई है। उनका कहना है कि सरकार इन आंकड़ों को छिपा रही है।
FIR दर्ज करने में देरी: सपा विधायकों ने आरोप लगाया कि जब पीड़ित परिवार शिकायत लेकर पहुंचे, तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी की। विपक्ष का कहना है कि यह एक "अंतरराष्ट्रीय रैकेट" है जिसकी जानकारी सरकार को पहले से थी, लेकिन कार्रवाई तब हुई जब मामला हाथ से निकल गया।
राजनीतिक प्रतिशोध: अखिलेश यादव ने इसे 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया है। उनका कहना है कि सरकार जानबूझकर विपक्षी नेताओं के करीबियों को इस मामले में घसीट रही है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके।
👦मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पलटवार
मुख्यमंत्री ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा:
"सजावटी झूठ": उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उनसे "उम्र के इस पड़ाव में भी सपा झूठ बुलवा रही है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि यूपी में कोडीन से एक भी मौत नहीं हुई है और जो मौतें हुई हैं, वे अन्य राज्यों (जैसे तमिलनाडु या एमपी) में नकली सिरप के कारण हुई हैं।
पुराना कनेक्शन: मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जिन बड़े होलसेलर्स (जैसे शुभम जायसवाल) को पकड़ा गया है, उन्हें लाइसेंस 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान मिले थे।
SIT जांच: उन्होंने जानकारी दी कि मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT (विशेष जांच दल) गठित कर दी गई है और अब तक 79 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कर 225 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) और UP STF की छापेमारी के बाद चर्चा में आया है। यह मामला उत्तर प्रदेश के एक बर्खास्त सिपाही (Constable) आलोक प्रताप सिंह से जुड़ा है, जिसकी विलासिता और अकूत संपत्ति देखकर हर कोई दंग रह गया।
इस मामले के मुख्य बिंदु और विपक्ष के सवालों का विवरण यहाँ दिया गया है:
1. कौन है यह अधिकारी (बर्खास्त सिपाही)?
आलोक प्रताप सिंह: यह उत्तर प्रदेश पुलिस का एक बर्खास्त सिपाही है। जांच में सामने आया कि वह कोडीन सिरप के काले कारोबार और तस्करी के बड़े सिंडिकेट का हिस्सा था।
आलीशान बंगला: लखनऊ के गोमती नगर विस्तार में इसका 7000 वर्ग फुट का एक बेहद भव्य बंगला मिला है, जिसे "यूरोपीय शैली" (European Style) में बनाया गया है।
करोड़ों की संपत्ति: शुरुआती अनुमान के मुताबिक, केवल इस घर के इंटीरियर पर 1.5 से 2 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि पूरे घर की कीमत कई करोड़ बताई जा रही है।
2. घर के अंदर क्या मिला?
जब ईडी और पुलिस ने छापेमारी की, तो घर के अंदर का नजारा किसी महल जैसा था:
घर में प्राडा (Prada) और गुच्ची (Gucci) जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के महंगे हैंडबैग मिले।
राडो (Rado) जैसी कीमती घड़ियाँ और हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद हुए।
लग्जरी गाड़ियाँ और करोड़ों के अवैध निवेश के दस्तावेज भी मिले हैं।
3. विपक्ष के आरोप और 'बुलडोजर' की मांग
विपक्ष (सपा और कांग्रेस) ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की 'सेलेक्टिव बुलडोजर' नीति पर कड़ा प्रहार किया है:
अखिलेश यादव का चैलेंज: सपा प्रमुख ने कहा कि अगर सरकार वाकई माफियाओं के खिलाफ है, तो इस "कोडीन भैया" के आलीशान बंगले पर बुलडोजर कब चलेगा? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल राजनीतिक विरोधियों के घरों पर बुलडोजर चलाती है।
अजय राय (कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष): उन्होंने वाराणसी में प्रतीकात्मक रूप से बुलडोजर दिखाकर सरकार से सवाल किया कि इतने बड़े ड्रग माफिया और उसे संरक्षण देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।
विपक्ष का तर्क: विपक्ष का कहना है कि एक सिपाही स्तर का व्यक्ति इतनी बड़ी संपत्ति बिना किसी "ऊपर के संरक्षण" के नहीं बना सकता।
4. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जवाब
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने इस पर पलटवार करते हुए कहा:
कानूनी प्रक्रिया: उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार एनडीपीएस (NDPS) एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई कर रही है।
संपत्ति की कुर्की: सरकार ने कहा है कि SIT और ED मिलकर इन अवैध संपत्तियों की जांच कर रहे हैं और जल्द ही इन्हें कुर्क (Attach) करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
तैयारी का संकेत: सीएम ने सदन में यह भी कहा कि "समय आने पर बुलडोजर कार्रवाई के लिए भी हम तैयार हैं," यानी उन्होंने आने वाले समय में बड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है।
