"महिला डॉक्टर का हिजाब खींचना उसकी निजी गरिमा और धार्मिक पहचान पर सीधा हमला-इकरा हसन।



"महिला डॉक्टर का हिजाब खींचना उसकी निजी गरिमा और धार्मिक पहचान पर सीधा हमला-इकरा हसन। "

भारत/नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने इस घटना पर काफी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका नजरिया पूरी तरह से महिला की गरिमा और संवैधानिक पद की मर्यादा पर केंद्रित रहा है।

​इकरा हसन के विरोध के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
​गरिमा और पहचान पर हमला: इकरा हसन ने इसे "शर्मनाक" बताते हुए कहा कि एक महिला डॉक्टर का हिजाब खींचना उसकी निजी गरिमा और धार्मिक पहचान पर सीधा हमला है।

​संवैधानिक पद की मर्यादा: उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्य के सर्वोच्च पद (मुख्यमंत्री) पर बैठा व्यक्ति ऐसी हरकत करता है, तो समाज में इसका बहुत ही नकारात्मक संदेश (Trickle-down effect) जाता है। उनके अनुसार, यह पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है।

​महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता: उन्होंने तर्क दिया कि अगर सार्वजनिक मंच पर मुख्यमंत्री का व्यवहार ऐसा है, तो आम जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

स्वास्थ्य को लेकर कटाक्ष: अपने बयान में उन्होंने मुख्यमंत्री की 'सेहत' (Mental Health) को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि "हम मुख्यमंत्री की सेहत को लेकर चिंतित हैं," जो एक तरह का राजनीतिक कटाक्ष था कि क्या वे होश-ओ-हवास में ऐसा कर रहे हैं।

​राजनीतिक माहौल
​इकरा हसन के साथ-साथ विपक्ष के अन्य नेताओं जैसे डिंपल यादव और इल्तिजा मुफ्ती ने भी इस घटना की निंदा की है। जहाँ एक तरफ जेडीयू (JDU) के नेता इसे मुख्यमंत्री का "बेटियों के प्रति प्रेम और आशीर्वाद" बता रहे हैं, वहीं इकरा हसन जैसे विपक्षी नेता इसे पूरी तरह "अस्वीकार्य" (Not Acceptable) करार दे रहे हैं।

​यह घटना अब केवल 'स्नेह बनाम आलोचना' की नहीं रही, बल्कि इसमें धार्मिक स्वतंत्रता और राजनीतिक शिष्टाचार के बड़े सवाल भी जुड़ गए हैं।

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